वनहक्क कायदा -२००६ .

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वनहक्क कायदा -२००६ .

 वनहक्क कायदा -२००६ ,भाग -२ 

जिल्हा स्तरीय समितीच कामे 

  • नियम ६ (ख )नुसार ग्रामसभा  व वनहक्क समित्यांना आवश्यक माहिती पुरवण्यात आली आहे याची खात्री करणे .
  • कायद्याचे उद्दिष्टे लक्षात घेऊन ,विशेषतः आदिम आदिवासी ,समूह ,भटके समूह गुराखी समूहाच्या वन हक्क मागण्याना सबोधित करण्यात आले आहे का याची तपासणी करणे .
  • उपविभाग स्तरीय समिती ने  पाठवलेले दावे व त्यासोबतचे द्स्तेवऐवज विचारात घेऊन त्यांना अंतिम मान्यता देणे .
  • उपविभाग स्तरीय समितीचा निर्णय मान्य नसणाऱ्या व्यक्तीकडून आलेल्या अपिलावर सुनवानि करणे .
  • अंतर जिल्हा मागण्या संबधित इतर जिल्ह्य सोबत समन्वय साधने .
  • मान्य झालेलेया इतर वन्ह्क्काचा इतर सरकारी दस्ताएवजामध्ये सामावेश करण्याचे निर्देश देणे .
  • वन्ह्क्काचा समावेश केलेले दस्तऐवज प्रसिद्ध होतील याची खात्री करणे .
  • वनहक्क व मालकी हक्क दस्तऐवजाच्या प्रमाणित प्रती संबधित व्यक्तीला व ग्राम सभेला पुरवण्यात आले आहे याची खात्री करणे .
  • राज्य स्तरीय समितीची रचना 

मुख्य सचिव                    -                                                                                              अध्यक्ष 

सचिव,महसूल विभाग  -                                                                                                                                                                                                                                  सदस्य 

सचिव,आदिवासी विभाग ,किवा

समाजकल्याण  विभाग -                                                                                                                                                                                                                              सदस्य 

सचिव,वनविभाग -                                                                                                                                                                                                                                                          सदस्य 

प्रधान  मुख्य  वन  संरक्षक -                                                                                                                                                                                                                    सदस्य 

सचिव,पंचायत राज -                                                                                                                                                                                                                                        सदस्य 

जमाती  सल्लागार   परिषदेचे   अध्यक्ष द्वरे

निवडलेले   तीन आदिवासी  सदस्य   आणि  जिथे 

अशी   परिषद  नसेल  तिथे   राज्य   शासनाने  निवडलेले 

आदिवासी   सदस्य -                                                                                                                                                                                                                                      सदस्य 

आयुक्त ,आदिवासी   कल्याण                                                                                                                                                                                                             सचिव 

राज्य स्तरीय सनीयत्रण समितीची कामे .

  • वन हक्क मान्यता देण्याच्या प्रक्रियेचे सनियंत्रण करण्याचे निकष व निर्देशक तयार करणे .
  • राज्यातील वन्हाक्काना मान्यता व त्याची पडताळणी करण्याच्या प्रक्रियेचे सनीयन्त्र्ण करणे .
  • राज्यातील वन हक्क मान्यता प्रक्रियेचे सनीय्त्र्ण करण्यासाठी कमीत कमी तीन महिन्यातून एकदा बैठक घेऊन त्याबद्दलचा अहवाल केंद्र सरकारला पाठविणे .
  • कायद्याचे कलम ८ मध्ये नमूद केलेली नोटीस प्राप्त झाल्यावर अश्या प्रधिकरणावर योग्य ती कारवाई करणे.
  • वन हक्क मान्यता व पडताळणीच्या प्रक्रियेचा सहामाही अहवाल तयार करून तसेच आवश्यक ती कागदपत्रे नोडल एजन्सीला (आदिवासी मंत्रालय,भारत सरकार )पाठविणे .
  • कायद्याचा कलम ४ (२)अनुसार संगीतलेलेया पुनर्वसन प्रक्रियेचे सानियन्त्र्ण करणे .
  • कायद्याचा कलम ३ (१(ड)))व ४ (८)नुसार पुनर्वसनाशी संबंधीत प्रक्रियेचे सनीयत्र्ण करणे .
  • वान्हाक्काची मागणी करावी लागते ती अपोआप मिळत नाही .

https://bhartiyadiwasi.blogspot.com/2021/11/wnhkk-wnadhinym-2006.html
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वैयक्तिक वन हक्कासाठी फोर्म ''क''(A).

सामुदायिक वन हक्कासाठी फोर्म ''ख ''(B).

सामुदायिक वन संसाधन हक्क फोर्म''ग ''(C).

वरील फॉर्म प्रांत/उपविभागीय कार्यालय व एकात्मिक आदिवासी विकास कार्यालय मार्फत पुरविण्यात येतात .


गाव विकास योजनांना वन जमीन मिळणेसाठी कलम ३ (२)ग्राम सभा ठराव पारित करून संबधित खात्यामार्फत योजना मंजूर करन घेईल .त्यानंतर संबधित यंत्रणा तो प्रकल्प प्रस्ताव ग्रामसभेच्या ठरावा सोबत संबंधीत वन परीक्षत्र अधिकारी किवा उपवनसंरक्षक यांच्याकडे सादर करेल .

या दाव्य सोबत जोडावे लागणारे पुरावे 

  • आदिवासीसाठी जातीचा दाखला देणे आणि इतर परंपरागत वनवासी कोणत्याहि वनामध्ये १३ डिसेंबर २००५ च्या ७५ वर्ष रहवासी  असल्याचा पुरावा देणे गरजेचे आहे .दावा दाखल करत असल्यास  वनजमिनीवर ७५ वर्ष रहवासी असल्याचा पुरावा  देणे गरजेचे नाही .
  • या व्यतिरिक्त खालील दोन पुरावे देणे गरजेचे आहे .
  • गावातील वडीलधाऱ्या व्यक्तीचा जबाब .
  • गंझेटर,जनगणना ,सर्वे ,सेटलमेंट  रिपोर्ट ,नकाशे ,सटेलाइट इमेजरी,वन व्यवस्थापन आराखडा ,वन चौकशी अहवाल ,इतर वन दस्तऐवज,वन हक्क नोंद ,पट्टा किवा भाडेपट्टा ,सरकारी समित्या किवा अयोग अहवाल ,सरकारी आदेश ,अध्यदेश,दिशा निर्देश,सर्कुलर ,अधिसूचना आदि.इ 
  • मतदान,ओळखपत्र ,पासपोर्ट ,रेशनकार्ड ,डोमेसाइल प्रमाणपत्र ,घर पट्टी .
  • घर झोपडी तसेच सपाटीकरण,बांध बधिस्त ,या सारखे केलेले कामे ,पाझर तलाव.
  • न्यालयीन आदेश व निर्ण्यासारखे दस्तऐवज.
  • मानव वश शास्र्त या सारक्या संस्थेने कलेले सर्वेक्षण अहवाल,वनाशी संबधित रूढी ,परंपरा चे दस्तऐवज.
  • राजे महाराजे राज्यकर्त्याच्या  काळातील नकाशे ,वन हक्क ,वन सवलती इ सारखे कोणतेही दस्तऐवज.
  • पवित्र ठिकाणे,विहरी,दफनभूमी या सारख्या प्राचीन खुणा .

सामुदायिक हक्कासाठी लागणारे पुरावे .

  • निस्तर पत्रक ,सामुदाईक गुरे चराई ,रान भाज्या औषधी वनस्पती सारखे गौण उत्पादन गोळा करण्याचे ,मासे पकडण्याच्या जागा ,सिंचनाच्या पद्धती ,गुरे व माणसासाठी पाणी वापराच्या जागा .
  • सरकारी दस्तऐवज किवा सध्याचे राखीव जंगलाचे पूर्वीचे असणारे वर्गीकरण (सुरक्षित जंगल /गुरे चराई वने /सार्वजनिक भूमी /निस्तरी भूमी जमीन वगैरे )
  • पूर्वीच्या किवा सध्याच्या शेती करण्याच्या पारंपारिक पद्धती .
कायद्यच्या नियमामध्ये स्पष्ट केले आहे कि उपविभाग व जिल्हा स्तरीय समित्यांना वरील पुरव्या खेरीज दंड पावती ,प्राथमिक वन गुन्हे रिपोर्ट ,अतिक्रमण धारकाच्या याद्या सारक्या विशीष्ट पुरव्याचा आग्रह धरून किवा काही करणे सांगून दावा नामंजूर करू नये .

उपरोक्त दिलेल्या लेखामध्ये कायद्यातील काही तरतुदी मध्ये शासन बदल करू शकते किवा सध्या स्थितीत बदल हि असू शकतो .जानकारणी कृपया आपले मत कॉमेंट बॉक्स मध्ये नोंदवावे .कृपया  आपली  प्रतिक्रया   देऊन   आपला  सहभाग  नोंदवा .

आपल्या  बांधवासाठी  व्हाटस  अप  वरती  शेअर  करा .


वनहक्क कायदा -२००६-(१) .

आदिवासी विकासासाठी व त्या क्षेत्रातील उपाय योजना राबविण्यासाठी केलेले विभाग .

पेसा कायदा आणि त्यातील तरतुदी .

खानदेशातील भिल्ल .

पद्मश्री तुलसी गौडा यांच्या विषयी थोडेसे !

राज्य घटनेची निर्मिती .






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